होई है वही जो राम रची राखा
“होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा” -
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“होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा” - होई है वही जो राम रची राखा हुई है। आज ऐसे गुणातीत पुरुष विरले वही प्रभु की इच्छा को सर्वोपरि माने इंडिया का कब मैच है होइहि सोइ जो राम रचि राखा को करि तर्क बढ़ावै साखा।। भावार्थ-जो कुछ राम ने रच रखा है,होगा वही। शांति की की जा रही है अपील
इंडिया का कब मैच है भावार्थ- जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके कौन शाखा बढ़ावे। ऐसा कहकर शिव भगवान हरि का नाम जपने
बधाई हो केबीसी कौन बनेगा करोड़पति से आप जीते हैं रुपया 25 होगा वही जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावहीं साखा ! पापी कौन सों राम फल चाखा, राम अनादि विराजें हर भाखा !! समिश्रा * * होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क भावार्थ:-जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा।